फुरसतों में दिन पुराने याद आ ही जाते हैं उन दिनों की भीड़ में से अब नहीं दिखता कोई। आज से... फुरसतों में दिन पुराने याद आ ही जाते हैं उन दिनों की भीड़ में से अब नहीं दिख...
संघर्षों से भरा यौवन मेरे अन्दर का बच्चा दुबका रहा अंदर ही | संघर्षों से भरा यौवन मेरे अन्दर का बच्चा दुबका रहा अंदर ही |
वह अब उस पर इल्जाम लगाता की बदल गई है वो पहले सी नहीं रही...। वह अब उस पर इल्जाम लगाता की बदल गई है वो पहले सी नहीं रही...।
जो अक्सर गुजरती है मुझसे और धड़धड़ा कर चली जाती है। जो अक्सर गुजरती है मुझसे और धड़धड़ा कर चली जाती है।
फिर से हौसला बढ़ाती है, उत्साह से हर तिनके साथ। फिर से हौसला बढ़ाती है, उत्साह से हर तिनके साथ।